नोयडा को पहले हम शिक्षा के
क्षेत्र में प्रसध्दि पाते देख रहे हैं। बीते कुछ सालों में देश ने काफी विकास
किया हैं। जिसका प्रमाण मिलना अब शुरू हो गया हैं। दिल्ली के तर्ज पर नोयडा में
काफी सारे अन्तर्राष्ट्रीय स्कूल बन चुके हैं, इसके अलावा यहाँ विभिन्न प्रकार के
इंजीनियरिंग कॉलेज का भी निर्माण हो चुका हैं। लेकिन बीते कुछ सालों में नोयडा
शिक्षा क्षेत्र से कई गुना आगे बढ़कर रोजगार के लिए भी हब बन चुका हैं। नोयडा में
आज बीपीओ, आईटी, तथा विभिन्न प्रकार के एक्सपोर्ट कम्पनी का निर्माण हो चुका हैं।
जिससे नोयडा में काम करने वाले लोगो की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। बाहरी
राज्यों के प्रोफेशनल्स कर्मचारियों की संख्या में निरंतर इजाफा हुआ हैं। युवाओं
के लिए यहां प्रत्येक फील्ड में बेहतरीन ऑप्शन हैं। लिहाजा बाहरी राज्यों से आने
वाले प्रोफेशनल्स व कर्मचारियों की संख्या में प्रतिवर्ष इजाफा हो रहा हैं।
प्रतिवर्ष जहां आईटी,बीपीओ, कॉल सेंटर्स
प्रोफेशनल्स की संख्या में 10 से 12 फीसदी की वृध्दि हो रही हैं वही उघोगों में
कार्यरत कारीगरों व अन्य कर्मचारियों की संख्या में करीब 15 से 18 फीसदी का
प्रतिवर्ष इजाफा हो रहा हैं। इसमें बाहरी राज्यों से ताल्लुक रखने वाले
प्रोफेशनल्स,कारीगरों व कर्मचारियों का औसत 90 फीसदी के आसपास हैं जबकि दिल्ली व
एनसीआर के अन्य शहरों से ताल्लुक रखने
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यह है रोजगार की
स्थति
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आईटी-बीपीओ व कॉल सेंटरों में प्रतिवर्ष बाहरी प्रोफेशनल्स
की संख्या में 10 से12 फीसदी का इजाफा।
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सामान्य उधोगों में प्रतिवर्ष बढ़ रहे 15 से 18 फीसदी
कारीगर व कर्मचारी।
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बाहरी राज्यों व शहरों से ताल्लुक रखने वाले
प्रोफेशनल्स,कारीगर व कर्मचारियों का औसत 90 फीसदी।
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यहां की कंपनियों में दिल्ली-एनसीआर के सिर्फ दस फीसदी
प्रोफेशनल्स,कारीगर व कर्मचारी कार्यरत।
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स्थानीय प्रोफेशनल्स,कारीगर व कर्मचारियों का औसत महज दो
फीसदी।
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एक्सपोर्ट कंपनियों में कार्यरत महिला कर्मचारियों का औसत
70 फीसदी जबकि पुरूष कर्मचारियों का औसत 30 फीसदी।
वाले प्रोफेशनल्स,कारीगरों
व कर्मचारियों का औसत 15 फीसदी हैं। बाहर से आने वाले लोगों की सबसे ज्यादा खपत
सामान्य उधोगों व एक्सपोर्ट गारमेंट्स से संबंधित उधोगों में हो रही है जबकि आईटी,
बीपीओ व कॉल सेंटरों में भी काफी तादाद में बाहरी राज्यों के युवाओ की खपत हो रही
हैं। जिसमें सर्वाधिक औसत उप्र के विभिन्न जिलों से व शहरों से आने वाले प्रोफेशनल्स
का होता हैं। आईटी –बीपीओ और सेंटरों में कार्यरत
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महिलाओं के औसत में पांच फीसदी का इजाफा
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बाहरी राज्यों से यहां आकर जॉब करने वाले लोग
सिर्फ पुरूष वर्ग के नही हैं बल्कि महिलाएं भी काफी संख्या में यहां आकर जॉब
करने में रूचि दिखा रही हैं। प्रतिवर्ष पांच फीसदी महिलाएं किसी न किसी उघोग से
जुड़कर जॉब कर रही हैं,मगर इसमें सबसे ज्यादा औसत एक्सपोर्ट गारमेंट्स कंपनियों
में जॉब करने वाली महिलाओं का हैं। एक्सपोर्ट गारमेंट्स कंपनियों में कार्यरत
महिलाओं का औसत 70 फीसदी हैं जबकि 30 फीसदी पुरूष कारीगरव कर्मचारी इस उघोग के
साथ जुड़े हैं, जिसमें बाहर से आने वाले कर्मचारियों का औसत काफी ज्यादा हैं।
आईटी, बीपीओ आदि संस्थानों में महिलाओं की संख्या में वृध्दि हो रही हैं। इन
कंपनियों में महिला प्रोफेशनल्स का औसत 38 फीसदी के करीव हैं।
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उप्र के विभिन्न जिलों व
शहरों से ताल्लुक रखने वाले प्रोफेशनल्स का औसत 35 फीसदी के आसपास हैं। बिहार,
पश्चिम बंगाल ,उड़ीसा , आंध्र प्रदेश, हैदराबाद, आदि स्थानो आने वाले प्रोफेशनल्स
का औसत 30 फीसदी के करीब हैं जबकि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर
आदि राज्यों से आने वाले प्रोफेशनल्स का औसत लगभग 25 फीसदी है जबकि 10 फीसदी
प्रोफेशनल्स देश के अन्य जिलों व शहरों से ताल्लुक रखते हैं यही स्थति सामान्य
उघोगों में कार्यरत कारीगरों व कर्मचारियों को लेकर भी हैं। उघोगों में कार्यरत अधिकांश
कारीगर व कर्मचारी उप्र व बिहार जैसे राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। विभिन्न श्रमिक
संगठनों से प्राप्त रूझानों से मालूम पड़ता हैं कि औघोगिक प्रतिष्ठानों में
कार्यरत व कर्मचारियों का औसत लगभग 70 फीसदी है जबकि 30 फीसदी कारीगर व कर्मचारी
अन्य राज्यों से ताल्लुक रखते हैं,मगर इसमें स्थानीय कारीगरों व कर्मचारियों का
औसत सिर्फ दो फीसदी हैं। कर्मचारियों के हितों के लिए संख्या में इजाफा होगा।
VERY NICE
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