Tuesday, 25 December 2012

महान हॉकी खिलाड़ी लेस्ली नही रहे


तीन बार ओलपिंक स्वर्ण पदत जीतने वाले महान हॉकी खिलाड़ी लेस्ली क्लाउडियस का गुरूवार, 20 दिसबंर को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। उन्होने दोहपर 3.25 बजे अंतिम सांस ली। पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपने समय के मशहूर राइट हाफ लेस्ली लंबे समय से लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। उन्हे 14 दिसबंर के कोलकाता के वुडलैंड्स नार्सिंग होम में भर्ती कराया गया था,तब से उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। उनके पुत्र ब्रडेन क्लाउडियस ने बताया कि गुरूवार सुबह से उनकी हालत काफी बिगड़ने लगी और दोपहर को उन्होने अंतिम सांस ली। पिछले एक साल से उन्हे चार बार अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। क्लाउडियस का नाम हॉकी में सर्वाधिक ओलंपिक पदक जीतने के मामले में उधम सिंह के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाडर्स में दर्ज हैं। वह मेजर ध्यानचंद और रूप सिंह के साथ भारतीय हॉकी की मशहूर तिकड़ी के सदस्य थे। क्लाउडियस भारत के लिए 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी थे। उनके पुत्र राबर्ट भी भारतीय हॉकी टीम में खेले थे। राबर्ट ने 1978 मैक्सिको विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया था। ध्यानचंद और अशोक कुमार की तरह लेस्ली और राबर्ट की यब दूसरी पिता-पुत्र की जोड़ी थी, जिसने अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया। राबर्ट का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था, लेस्ली के तीन और पुत्र हैं। वह कोलकाता में अपनी पत्नी और बेटे ब्रेडेन के साथ रह रहे थे। उनके दो पुत्र ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। लेस्ली 1948 में लंदन,1952 में हेलसिंकी और 1956 में मेलबर्न ओलपिंक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे।

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